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हे मेरी दुल्हिन, तेरे होंठों से मधु टपकता है;
हे मेरी बहन, हे मेरी दुल्हिन, तेरा प्रेम क्या ही मनोहर है!
मेरी बहन, मेरी दुल्हिन, किवाड़ लगाई हुई बारी के समान,