प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:4

रोम में आगमन और पॉल की घर में बंदी.

प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:4

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जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।”