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(क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धार्मिकता, और सत्य है),
क्योंकि तुम तो पहले अंधकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, अतः ज्योति की सन्तान के समान चलो।
और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है?