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शत्रु ने कहा था,
तेरे नथनों की साँस से जल एकत्र हो गया, धाराएँ ढेर के समान थम गईं;
तूने अपने श्वास का पवन चलाया, तब समुद्र ने उनको ढाँप लिया;