उपद्रवि (Upadravi) 26:2
धार्मिक संधि का बक्सा और मंदिर
उपद्रवि (Upadravi) 26:2
एक-एक परदे की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; सब परदे एक ही नाप के हों।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 26:1
“फिर निवास-स्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 26:3
पाँच परदे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पाँच परदे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों।