उपद्रवि (Upadravi) 27:9

कांस्य पूजा स्थल और आंगन

उपद्रवि (Upadravi) 27:9

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“फिर निवास के आँगन को बनवाना। उसकी दक्षिण ओर के लिये तो बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े के सब पर्दों को मिलाए कि उसकी लम्बाई सौ हाथ की हो; एक ओर पर तो इतना ही हो।