उपद्रवि (Upadravi) 30:35
कांसा का बर्तन और धूप-चढ़ाव का अल्टार
उपद्रवि (Upadravi) 30:35
और इनका धूप अर्थात् नमक मिलाकर गंधी की रीति के अनुसार शुद्ध और पवित्र सुगन्ध-द्रव्य बनवाना;
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 30:34
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “बोल, नखी और कुन्दरू, ये सुगन्ध-द्रव्य निर्मल लोबान समेत ले लेना, ये सब एक तौल के हों,
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 30:36
फिर उसमें से कुछ पीसकर बारीक कर डालना, तब उसमें से कुछ मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के आगे, जहाँ पर मैं तुझसे मिला करूँगा वहाँ रखना; वह तुम्हारे लिये परमपवित्र होगा।