उपद्रवि (Upadravi) 34:21
समझौते की पुनर्नवीति
उपद्रवि (Upadravi) 34:21
“छः दिन तो परिश्रम करना, परन्तु सातवें दिन विश्राम करना; वरन् हल जोतने और लवने के समय में भी विश्राम करना।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 34:20
और गदही के पहलौठे के बदले मेम्ना देकर उसको छुड़ाना, यदि तू उसे छुड़ाना न चाहे तो उसकी गर्दन तोड़ देना। परन्तु अपने सब पहलौठे बेटों को बदला देकर छुड़ाना। मुझे कोई खाली हाथ अपना मुँह न दिखाए।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 34:22
और तू सप्ताहों का पर्व मानना जो पहले लवे हुए गेहूँ का पर्व कहलाता है, और वर्ष के अन्त में बटोरन का भी पर्व मानना।