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उनके तीर शुद्ध और धनुष चढ़ाए हुए हैं,
उनमें कोई थका नहीं न कोई ठोकर खाता है;
वे सिंह या जवान सिंह के समान गरजते हैं; वे गुर्राकर अहेर को पकड़ लेते और उसको ले भागते हैं,