यशायाह 61:4
चिरंजीवी का कार्यान्वयन
यशायाह 61:4
तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएँगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएँगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी-पीढ़ी से उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएँगे।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
यशायाह 61:3
और सिय्योन के विलाप करनेवालों के सिर पर की राख दूर करके सुन्दर पगड़ी बाँध दूँ, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊँ और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊँ; जिससे वे धर्म के बांज वृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएँ और जिससे उसकी महिमा प्रगट हो।
अगली आयत
यशायाह 61:5
परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़-बकरियों को चराएँगे और विदेशी लोग तुम्हारे हल चलानेवाले और दाख की बारी के माली होंगे;