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क्योंकि उसने कंगालों को पीसकर छोड़ दिया,
जिसके लिये उसने परिश्रम किया, उसको उसे लौटा देना पड़ेगा, और वह उसे निगलने न पाएगा;
“लालसा के मारे उसको कभी शान्ति नहीं मिलती थी,