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सिय्योन की पुत्री के पुरनिये भूमि पर चुपचाप बैठे हैं;
उसके फाटक भूमि में धंस गए हैं, उनके बेंड़ों को उसने तोड़कर नाश किया।
मेरी आँखें आँसू बहाते-बहाते धुँधली पड़ गई हैं;