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वह यह जानकर अकेला चुपचाप रहे, कि परमेश्वर ही ने उस पर यह बोझ डाला है;
पुरुष के लिये जवानी में जूआ उठाना भला है।
वह अपना मुँह धूल में रखे, क्या जाने इसमें कुछ आशा हो;