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मेरी आँखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएँ बह रही है।
भय और गड्ढा, उजाड़ और विनाश, हम पर आ पड़े हैं;
मेरी आँख से लगातार आँसू बहते रहेंगे,