पूरा अध्याय पढ़ें
जो व्यर्थ मेरे शत्रु बने हैं, उन्होंने निर्दयता से चिड़िया के समान मेरा आहेर किया है;
अपनी नगरी की सब स्त्रियों का हाल देखने पर मेरा दुःख बढ़ता है।
उन्होंने मुझे गड्ढे में डालकर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;