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उन्होंने उससे कहा, ‘हे स्वामी, उसके पास दस मुहरें तो हैं।’
और जो लोग निकट खड़े थे, उसने उनसे कहा, ‘वह मुहर उससे ले लो, और जिसके पास दस मुहरें हैं उसे दे दो।’
‘मैं तुम से कहता हूँ, कि जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा; और जिसके पास नहीं, उससे वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।