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परमेश्वर मनुष्य नहीं कि झूठ बोले, और न वह आदमी है कि अपनी इच्छा बदले।
तब बिलाम ने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा,
देख, आशीर्वाद ही देने की आज्ञा मैंने पाई है: