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तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो। प्रभु निकट है।
प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो।
किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ।