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आलसी का प्राण लालसा तो करता है, परन्तु उसको कुछ नहीं मिलता,
जो अपने मुँह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है,
धर्मी झूठे वचन से बैर रखता है,