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क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं,
हे मेरे पुत्र, तू व्यभिचारिणी पर क्यों मोहित हो,
दुष्ट अपने ही अधर्म के कर्मों से फंसेगा,