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इसलिए अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।
मैंने अपने बिछौने पर गन्धरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।
क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;