पूरा अध्याय पढ़ें
परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता;
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की योजना पर नहीं चलता,
वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है