
भजन - Bhajan 132
भगवान की वफादारी की यादें
प्रसंग: प्रार्थना संग्रह १३२ सेम्स पुस्तक का हिस्सा है जो राजा दाऊद के शाप की याद दिलाता है जिसमें उन्होंने परमेश्वर के लिए एक मंदिर बनाने का वचन दिया और उस प्रण को उनके पुत्र सुलेमन ने पूरा किया। यह स्तोत्र भी परमेश्वर की वफादारी का जश्न मनाता है उसके दाऊद और उसकी जनता के संधि के साथ और जोय करता है और आशीर्वाद देता है जो उसकी उपस्थिति में वास करने से आते हैं।
1हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;
2उसने यहोवा से शपथ खाई,
3उसने कहा, “निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा,
4न अपनी आँखों में नींद,
5जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान,
6देखो, हमने एप्रात में इसकी चर्चा सुनी है,
7आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें,
8हे यहोवा, उठकर अपने विश्रामस्थान में
9तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहने रहें,
10अपने दास दाऊद के लिये,
11यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा:
12यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें
13निश्चय यहोवा ने सिय्योन को चुना है,
14“यह तो युग-युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं;
15मैं इसमें की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा;
16इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा,
17वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा;
18मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहनाऊँगा,