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तब मैंने उनको कूट-कूटकर पवन से उड़ाई
उन्होंने दुहाई तो दी परन्तु उन्हें कोई बचानेवाला न मिला,
तूने मुझे प्रजा के झगड़ों से भी छुड़ाया;