भजन - Bhajan 20
भजन - Bhajan 20

भजन - Bhajan 20

भगवान की शक्ति और संरक्षण में विश्वास।

प्रसंग: प्रार्थना की भावना से यह मध्यस्थ भावुक गोत्र विशेष रूप से युद्धकाल में भगवान की सहायता का निवेदन करते हैं। भजनक भगवान की सक्षमता में निष्ठा व्यक्त करते हैं कि वह उनकी प्रार्थाओं का उत्तर देने और उन्हें युद्ध में सुरक्षित करने की क्षमता है। प्रार्थना का ध्यान भगवान के अनुकूलता और आशीर्वाद प्राप्ति पर है, और उसकी शक्ति में विजय और सफलता प्रदान करने पर भरोसा करने पर है।
1संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले!
2वह पवित्रस्‍थान से तेरी सहायता करे,
भजन - Bhajan 20:3 - वह तेरे सब भेंटों को स्मरण करे,
भजन - Bhajan 20:3 - वह तेरे सब भेंटों को स्मरण करे,
3वह तेरे सब भेंटों को स्मरण करे,
4वह तेरे मन की इच्छा को पूरी करे,
5तब हम तेरे उद्धार के कारण ऊँचे स्वर से
6अब मैं जान गया कि यहोवा अपने अभिषिक्त को बचाएगा;
7किसी को रथों पर, और किसी को घोड़ों पर भरोसा है,
8वे तो झुक गए और गिर पड़े:
9हे यहोवा, राजा को छुड़ा;