
भजन - Bhajan 26
भगवान के न्याय पर विश्वास।
प्रसंग: प्रार्थना संगीत का एक हिस्सा, यह भजन अध्याय 26 में राजा दाऊद की भगवान की न्याय के पूर्ण विश्वास की आवाज है जब उसके शत्रुओं से झूठे आरोपों और विरोध का सामना करना पड़ा। दाऊद ने भगवान के सामने अपनी निष्कपटता का पक्ष रखा और उनसे दिशा और सुरक्षा की मांग की। उन्होंने अपने वफादारी को अद्भुततापूर्वक प्रकट किया और उन दुराचारी व्यक्तियों को निन्दा की, जो भगवान के मार्गों को उपेक्षा करते हैं।
1हे यहोवा, मेरा न्याय कर,
2हे यहोवा, मुझ को जाँच और परख;
3क्योंकि तेरी करुणा तो मेरी आँखों के सामने है,
4मैं निकम्मी चाल चलनेवालों के संग नहीं बैठा,
5मैं कुकर्मियों की संगति से घृणा रखता हूँ,
6मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊँगा,
7ताकि तेरा धन्यवाद ऊँचे शब्द से करूँ,
8हे यहोवा, मैं तेरे धाम से
9मेरे प्राण को पापियों के साथ,
10वे तो ओछापन करने में लगे रहते हैं,
11परन्तु मैं तो खराई से चलता रहूँगा।
12मेरे पाँव चौरस स्थान में स्थिर है;