भजन - Bhajan 4
भजन - Bhajan 4

भजन - Bhajan 4

परमेश्वर में विश्वास

प्रसंग: प्रार्थना - प्रभु की ओर से मदद और मार्गदर्शन की विनती करने वाली दाऊद की स्लोक ४ की प्रार्थना है। दाऊद अपनी आपात समय में प्रभु की सुनने और उनकी प्रार्थाओं का उत्तर मिलने की आशा व्यक्त करते हैं, जोकि दुनियावी धन की पीछा करने और दूसरे बहकावे मूर्तियों के झूठ से वार्तालाप करते हैं।
1हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे;
2हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा?
3यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है;
4काँपते रहो और पाप मत करो;
5धर्म के बलिदान चढ़ाओ,
भजन - Bhajan 4:5 - धर्म के बलिदान चढ़ाओ,
भजन - Bhajan 4:5 - धर्म के बलिदान चढ़ाओ,
6बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?”
7तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है,
8मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;
भजन - Bhajan 4:8 - मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;
भजन - Bhajan 4:8 - मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;