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जैसा लिखा है, “मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना।”
उसने कहा, “जेठा छोटे का दास होगा।”
तो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर के यहाँ अन्याय है? कदापि नहीं!