ज़खरिया (Zechariah) 4:13
दीपकस्तम्भ और जैतून के पेड़ों की एक दृष्टि
ज़खरिया (Zechariah) 4:13
उसने मुझसे कहा, “क्या तू नहीं जानता कि ये क्या हैं?” मैंने कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं नहीं जानता।”
आसन्न आयतें
पिछली आयत
ज़खरिया (Zechariah) 4:12
फिर मैंने दूसरी बार उससे पूछा, “जैतून की दोनों डालियाँ क्या हैं जो सोने की दोनों नालियों के द्वारा अपने में से सुनहरा तेल उण्डेलती हैं?”
अगली आयत
ज़खरिया (Zechariah) 4:14
तब उसने कहा, “इनका अर्थ ताजे तेल से भरे हुए वे दो पुरुष हैं जो सारी पृथ्वी के परमेश्वर के पास हाज़िर रहते हैं।”