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अर्वदी, समारी, और हमाती लोग भी हुए; फिर कनानियों के कुल भी फैल गए।
हिव्वी, अर्की, सीनी,
और कनानियों की सीमा सीदोन से लेकर गरार के मार्ग से होकर गाज़ा तक और फिर सदोम और गमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से होकर लाशा तक हुआ।