2 समुएल 15:3
अबशालोम की साजिश
2 समुएल 15:3
तब अबशालोम उससे कहता था, “सुन, तेरा पक्ष तो ठीक और न्याय का है; परन्तु राजा की ओर से तेरी सुननेवाला कोई नहीं है।”
आसन्न आयतें
पिछली आयत
2 समुएल 15:2
अबशालोम सवेरे उठकर फाटक के मार्ग के पास खड़ा हुआ करता था; और जब-जब कोई मुद्दई राजा के पास न्याय के लिये आता, तब-तब अबशालोम उसको पुकारके पूछता था, “तू किस नगर से आता है?” और वह कहता था, “तेरा दास इस्राएल के अमुक गोत्र का है।”
अगली आयत
2 समुएल 15:4
फिर अबशालोम यह भी कहा करता था, “भला होता कि मैं इस देश में न्यायी ठहराया जाता! तब जितने मुकद्दमावाले होते वे सब मेरे ही पास आते, और मैं उनका न्याय चुकाता।”