2 समुएल 15:5
अबशालोम की साजिश
2 समुएल 15:5
फिर जब कोई उसे दण्डवत् करने को निकट आता, तब वह हाथ बढ़ाकर उसको पकड़कर चूम लेता था।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
2 समुएल 15:4
फिर अबशालोम यह भी कहा करता था, “भला होता कि मैं इस देश में न्यायी ठहराया जाता! तब जितने मुकद्दमावाले होते वे सब मेरे ही पास आते, और मैं उनका न्याय चुकाता।”
अगली आयत
2 समुएल 15:6
अतः जितने इस्राएली राजा के पास अपना मुकद्दमा लेकर आते उन सभी से अबशालोम ऐसा ही व्यवहार किया करता था; इस प्रकार अबशालोम ने इस्राएली मनुष्यों के मन को हर लिया।