प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 27:10
रोम की यात्रा
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 27:10
“हे सज्जनों, मुझे ऐसा जान पड़ता है कि इस यात्रा में विपत्ति और बहुत हानि, न केवल माल और जहाज की वरन् हमारे प्राणों की भी होनेवाली है।”
आसन्न आयतें
पिछली आयत
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 27:9
जब बहुत दिन बीत गए, और जलयात्रा में जोखिम इसलिए होती थी कि उपवास के दिन अब बीत चुके थे, तो पौलुस ने उन्हें यह कहकर चेतावनी दी,
अगली आयत
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 27:11
परन्तु सूबेदार ने कप्तान और जहाज के स्वामी की बातों को पौलुस की बातों से बढ़कर माना।