द्वितीय विधान 17:11

मूर्तिपूजा और झूठे पैंथै ज नियम.

द्वितीय विधान 17:11

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व्यवस्था की जो बात वे तुझे बताएँ, और न्याय की जो बात वे तुझ से कहें, उसी के अनुसार करना; जो बात वे तुझको बताएँ उससे दाहिने या बाएँ न मुड़ना।