द्वितीय विधान 26:16

पहली फसल और दसवांंश

द्वितीय विधान 26:16

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“आज के दिन तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझको इन्हीं विधियों और नियमों के मानने की आज्ञा देता है; इसलिए अपने सारे मन और सारे प्राण से इनके मानने में चौकसी करना।