द्वितीय विधान 26:2

पहली फसल और दसवांंश

द्वितीय विधान 26:2

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तब जो देश तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझे देता है, उसकी भूमि की भाँति-भाँति की जो पहली उपज तू अपने घर लाएगा, उसमें से कुछ टोकरी में लेकर उस स्थान पर जाना, जिसे तेरा परमेश्‍वर यहोवा अपने नाम का निवास करने को चुन ले।