द्वितीय विधान 26:4

पहली फसल और दसवांंश

द्वितीय विधान 26:4

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तब याजक तेरे हाथ से वह टोकरी लेकर तेरे परमेश्‍वर यहोवा की वेदी के सामने रख दे।