द्वितीय विधान 27:1

वेदिका और अवज्ञा के लिए शाप।

द्वितीय विधान 27:1

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फिर इस्राएल के वृद्ध लोगों समेत मूसा ने प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दी, “जितनी आज्ञाएँ मैं आज तुम्हें सुनाता हूँ उन सब को मानना।