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'श्रापित हो वह जो परदेशी, अनाथ, या विधवा का न्याय बिगाड़े।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।'
'श्रापित हो वह जो अंधे को मार्ग से भटका दे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।'
'श्रापित हो वह जो अपनी सौतेली माता से कुकर्म करे, क्योंकि वह अपने पिता का ओढ़ना उघाड़ता है।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।'