द्वितीय विधान 28:25

आज्ञानुसार की आशीर्वाद और अनुशासन के लिए शाप

द्वितीय विधान 28:25

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“यहोवा तुझको शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका सामना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से होकर उनके सामने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा-मारा फिरेगा।