अभिज्ञानशास्त्र 1:12
जीवन की नि-मूर्ति
आसन्न आयतें
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अभिज्ञानशास्त्र 1:11
प्राचीनकाल की बातों का कुछ स्मरण नहीं रहा, और होनेवाली बातों का भी स्मरण उनके बाद होनेवालों को न रहेगा।
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अभिज्ञानशास्त्र 1:13
मैंने अपना मन लगाया कि जो कुछ आकाश के नीचे किया जाता है, उसका भेद बुद्धि से सोच सोचकर मालूम करूँ; यह बड़े दुःख का काम है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उसमें लगें।