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और न शैतान को अवसर दो।
क्रोध तो करो, पर पाप मत करो; सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे।
चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन् भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिए कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।