पूरा अध्याय पढ़ें
अपनी करुणा से तूने अपनी छुड़ाई हुई प्रजा की अगुआई की है,
तूने अपना दाहिना हाथ बढ़ाया,
देश-देश के लोग सुनकर काँप उठेंगे;