उपद्रवि (Upadravi) 22:26
पूजा और पवित्रता के नियम
उपद्रवि (Upadravi) 22:26
यदि तू कभी अपने भाई-बन्धु के वस्त्र को बन्धक करके रख भी ले, तो सूर्य के अस्त होने तक उसको लौटा देना;
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 22:25
“यदि तू मेरी प्रजा में से किसी दीन को जो तेरे पास रहता हो रुपये का ऋण दे, तो उससे महाजन के समान ब्याज न लेना।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 22:27
क्योंकि वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी देह का वही अकेला वस्त्र होगा; फिर वह किसे ओढ़कर सोएगा? और जब वह मेरी दुहाई देगा तब मैं उसकी सुनूँगा, क्योंकि मैं तो करुणामय हूँ।