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“झूठी बात न फैलाना। अन्यायी साक्षी होकर दुष्ट का साथ न देना।
बुराई करने के लिये न तो बहुतों के पीछे हो लेना; और न उनके पीछे फिरकर मुकदमें में न्याय बिगाड़ने को साक्षी देना;