उपद्रवि (Upadravi) 25:20
धर्मशाला निर्माण के निर्देश.
उपद्रवि (Upadravi) 25:20
और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित का ढकना उनसे ढपा रहे, और उनके मुख आमने-सामने और प्रायश्चित के ढकने की ओर रहें।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 25:19
एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित के ढकने को उसके ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनों सिरों पर लगवाना।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 25:21
और प्रायश्चित के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूँगा उसे सन्दूक के भीतर रखना।