उपद्रवि (Upadravi) 30:15
कांसा का बर्तन और धूप-चढ़ाव का अल्टार
उपद्रवि (Upadravi) 30:15
जब तुम्हारे प्राणों के प्रायश्चित के निमित्त यहोवा की भेंट अर्पित की जाए, तब न तो धनी लोग आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल लोग उससे कम दें।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 30:14
बीस वर्ष के या उससे अधिक अवस्था के जितने गिने जाएँ उनमें से एक-एक जन यहोवा की भेंट दे।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 30:16
और तू इस्राएलियों से प्रायश्चित का रुपया लेकर मिलापवाले तम्बू के काम में लगाना; जिससे वह यहोवा के सम्मुख इस्राएलियों के स्मरणार्थ चिन्ह ठहरे, और उनके प्राणों का प्रायश्चित भी हो।”