उपद्रवि (Upadravi) 35:32
तबेर्नेकल के लिए योगदान
उपद्रवि (Upadravi) 35:32
कि वह कारीगरी की युक्तियाँ निकालकर सोने, चाँदी, और पीतल में,
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 35:31
और उसने उसको परमेश्वर के आत्मा से ऐसा परिपूर्ण किया है कि सब प्रकार की बनावट के लिये उसको ऐसी बुद्धि, समझ, और ज्ञान मिला है,
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 35:33
और जड़ने के लिये मणि काटने में और लकड़ी पर नक्काशी करने में, वरन् बुद्धि से सब भाँति की निकाली हुई बनावट में काम कर सके।