उपद्रवि (Upadravi) 36:31
धार्मिक स्थान का निर्माण
उपद्रवि (Upadravi) 36:31
फिर उसने बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनाए, अर्थात् निवास की एक ओर के तख्तों के लिये पाँच बेंड़े,
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 36:30
इस प्रकार आठ तख्ते हुए, और उनकी चाँदी की सोलह कुर्सियाँ हुईं, अर्थात् एक-एक तख्ते के नीचे दो-दो कुर्सियाँ हुईं।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 36:32
और निवास की दूसरी ओर के तख्तों के लिये पाँच बेंड़े, और निवास का जो किनारा पश्चिम की ओर पिछले भाग में था उसके लिये भी पाँच बेंड़े, बनाए।