उपद्रवि (Upadravi) 8:18

दूसरा, तीसरा और चौथा विपथों: मेंढक, जूँ और मक्खी।

उपद्रवि (Upadravi) 8:18

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तब जादूगरों ने चाहा कि अपने तंत्र-मंत्रों के बल से हम भी कुटकियाँ ले आएँ, परन्तु यह उनसे न हो सका। और मनुष्यों और पशुओं दोनों पर कुटकियाँ बनी ही रहीं।